Patra lekhan | पत्र लेखन |

Topic: पुस्तक विक्रेता को पुस्तकों का ऑर्डर देने के संबंध में बुक डिपो के प्रबंधक की ओर से पत्र लिखिए।

चंद्रा बुक डिपो,
काशीपुर।

दिनांक..

सेवा में,
जगत देव पुस्तक भण्डार,
सिकलापुर बाज़ार,
काशीपुर।

विषय — पुस्तकों का ऑर्डर देने हेतु।

महोदय,
दिनांक 16 जनवरी 20.. को हमने आपके पुस्तक भण्डार में पुस्तकों के संबंध में एक पूछताछ पत्र भेजा था।
दिनांक 18 जनवरी 20.. को हमें हमारे पूछताछ पत्र का उत्तर प्राप्त हो गया है। उत्तर में आपने हमें पुस्तकों की सूची, व्यापारिक शर्ते, भुगतान की शर्तें आदि का बोध करा दिया है। हम आपके द्वारा उल्लेखित समस्त व्यापारिक शर्तों से सहमत है। अतः हम आपको निम्नलिखित पुस्तकों का ऑर्डर दे रहे है-
काव्य संकलन कक्षा 8 20 पुस्तकें।
संस्कृत भारती कक्षा 8 20 पुस्तकें।
हिंदी साहित्य कक्षा 12 40 पुस्तकें।
देव संस्कृतम् कक्षा 11 20 पुस्तकें।
गणित कक्षा 10 40 पुस्तकें।
पुस्तकों का ऑर्डर पहुंचाने की तिथि 22 जनवरी 20.. निर्धारित की गई है। पुस्तकें के अंदर से कटी फटी होने पर, उनको बदलने की जिम्मेदारी आपकी होंगी।
हमें उम्मीद है कि हमारा ऑर्डर निर्धारित तिथि पर सुरक्षित पूर्वक पहुंचाया जाएगा।
सधन्यवाद।

भवदीय,
आशुतोष,
(प्रबंधक)
चंद्रा बुक डिपो।

Topic: उद्योग कंपनी के निर्यातकर्ता द्वारा ग्राहक को माल पहुंचाने की सूचना देने हेतु पत्र लिखिए।

मुंशी वस्त्र उद्योग,
मुंबई,
भारत।

दिनांक…

सेवा में,
रूद्र कंपनी एंड ब्रदर्स,
नेपाल।

विषय- माल पहुंचाने की सूचना हेतु।

महोदय,
दिनांक 25 अगस्त 20.. को हमें आपकी ओर से लाख रुपए के माल का ऑर्डर प्राप्त हुआ था। ऑर्डर पत्र संख्या 140/2583 है। पत्र में लिखित शर्तों के अनुसार माल ऑर्डर की तिथि से 4 दिन के अंदर निर्यात कर दिया जाएगा।
आपके द्वारा ऑर्डर किया गया माल वायुयान द्वारा भेजा जा रहा है। किराये की राशि माल के भुगतान के बिल में सम्मिलित रहेंगी। बीजक की सत्यापित प्रति, एयर बे बिल, पैकिंग सूची, उदगम प्रमाण पत्र, साख पत्र। इन प्रमाण पत्रों को प्राप्त करने के लिए बैंक में निर्धारित विनिमय विपत्र को स्वीकार कर ले।

ऑर्डर प्राप्त करने के पश्चात माल के संबंध में सूचना देकर हमें कृतार्थ करें।
सधन्यवाद।

भवदीय,
सकल जैन,
(निर्यातकर्ता)
भारत।

Topic: अपने बिल का भुगतान करने के लिए कंपनी से अतिरिक्त समय की मांग करते हुए पत्र लिखिए।

मथुरा एंड कंपनी,
मधुवन मार्केट,
मथुरा।

दिनांक….

सेवा में,
कुशल नाथ प्राइवेट कंपनी,
हैदराबाद।

विषय — बिल का भुगतान करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग हेतु।

महोदय,
गत दिन पूर्व हमने अपनी कंपनी के एकाउंट के पूर्ण विवरण का आंकलन किया है। हमें ज्ञात है कि आपके 4 लाख रुपए का भुगतान हम पर देय है। देय तिथि बीत चुकी जिसके लिए हम क्षमाप्रार्थी है।

हम आपको बताना चाहेंगे कि हमारे व्यावसायिक जीवन में कुछ प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण हम आपका भुगतान इस बार निर्धारित तिथि पर अदा कर पाने में असमर्थ रहे। किन्तु हम आपको विश्वास दिलाते है कि हम आपकी राशि का भुगतान तीन माह के अंदर करने का संपूर्ण प्रयास करेंगे।

आपसे विनम्र विनती है कि आप हमें भुगतान हेतु तीन माह का अतिरिक्त समय देने की कृपा करें। आपके सदा आभारी रहेंगे।
सधन्यवाद।

भवदीय,
गोपाल राय,
(प्रबन्धक)
मथुरा एंड कंपनी।

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पत्रलेखन एक दिलचस्प कला है। जिन बातों और मुद्दों को हम मौखिक रूप से नहीं कह सकते है , उसे लिखित रूप से पत्र लेखन द्वारा व्यक्त किया जाता है। पत्र लेखन में नविन विचारो का आदान प्रदान होता है। लिखित भाषा का आशय सबसे अधिक पत्रलेखन द्वारा स्पष्ट देखा जा सकता है। इस ब्लॉग में आपको औपचारिक , अनौपचारिक और व्यापारिक पत्र लेखन का प्रारूप मिलेगा। यहां आप सरलता से पत्र लेखन के महत्वपूर्ण बिंदुओं को सीख पाएंगे , इसके साथ ही भाषा पर नियंत्रण को भी समीपता से सीखेंगे।

इस ब्लॉग के माध्यम से आपको पत्र लेखन में स्पष्टता , संक्षिप्तता , प्रयुक्त चिन्ह , शिष्टता इत्यादि सभी कारक प्राप्त होंगे। यहां आप आसान और रोचक तरीके से पत्रलेखन जैसे ज़रूरी प्रक्रिया को सीख पाएंगे। जीवन में मौजूद कई समस्याओं ,खुशियों के अवसरों में हमे पत्र लिखना पड़ता है। इसके लिए हमे अन्य व्यक्तियों , दफ्तर इत्यादि कई लोगो से संपर्क साधने के लिए पत्र लेखन का माध्यम अपनाना पड़ता है। इस ब्लॉग द्वारा आपको पत्र लेखन से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त होगी। कैसे और किस प्रकार से पत्र लिखना है , यह ब्लॉग नियमित रूप से आपको हर सूचना प्रदान करेगा।

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Patra Lekhan || पत्र-लेखन ||

Some Related Question

# पत्र की विशेषताएं

पत्र अमीर , गरीब हर व्यक्ति के द्वारा संदेश भेजने का सबसे सस्ता व सरल माध्यम है। यह सबसे कम खर्चीला भी होता है। यानि हम पत्र के माध्यम से बहुत कम खर्च में अपनी पूरी बात विस्तार से लिख कर दूसरे तक पहुंचा सकते हैं।

हालांकि आज के समय में टेलीफोन , ईमेल ,एसएमएस और सोशल मीडिया के कई अन्य प्लेटफार्म भी है। जहां से हम अपने संदेश अपने लोगों तक पहुंचा सकते हैं। लेकिन अपनेपन और प्रेम को दर्शाने का सर्वोत्तम माध्यम तो पत्र ही है।

# पत्र लेखन क्या है ?

पत्र लेखन भी अपने आप में एक बेहतरीन कला है।पत्र लेखन के जरिए हम अपना संदेश , अपनी भावनाओं व विचारों को अपने प्रियजनों , मित्रों , सगे संबंधियों तक पहुंचा सकते हैं। जब पत्र लिखने की परंपरा नहीं थी , तब संदेश कबूतरों या संदेशवाहकों के द्वारा भेजे जाते थे।

लेकिन धीरे-धीरे संदेश पत्रों के द्वारा भेजे जाने लगे। पत्र के द्वारा अपने लोगों को संदेश भेजना होता है। इसीलिए पत्र में बहुत ही सरल , सहज और सामान्य बोलचाल की भाषा का प्रयोग ही होना चाहिए। ताकि पत्र प्राप्त करने वाला व्यक्ति आपकी भावनाओं को अच्छे से समझ सके।

# शिकायती पत्र कैसे लिखते हैं?

मेरा आपसे विनम्र अनुरोध है कि इस घटना की निष्पक्ष जांच किसी सक्षम अधिकारी से कराएं तथा दोषी पाए जाने पर ऐसे अशिष्ट एवं भ्रष्ट दरोगा को इस थाने से स्थानान्तरित कर दें जिससे जनता भयमुक्त हो सके और पुलिस की छवि खराब न हो। आशा है, आप मेरी इस शिकायत पर गौर कर अविलम्ब कार्यवाही करेंगे, जिससे मेरी मानसिक पीड़ा दूर हो सके।

# पत्र लेखन के कुल कितने घटक होते हैं *?

(1) पत्र प्रापक का पदनाम तथा पता। (2) विषय- जिसके बारे में पत्र लिखा जा रहा है, उसे केवल एक ही वाक्य में शब्द-संकेतों में लिखें। (3) संबोधन- जिसे पत्र लिखा जा रहा है- महोदय, माननीय आदि। पहला अनुच्छेद — अपनी समस्या के बारे में लिखें।

# औपचारिक पत्र और अनौपचारिक दोनों ही इस प्रकार से लिखा जाता है-

  1. अच्छा पत्र लिखने के लिए आप सबसे पहले अपना पता और दिनांक अच्छे से लिख दें |
  2. सम्बोधन और अभिवादन
  3. पत्र का विषय
  4. पता की समाप्ति स्वनिर्देश और हस्ताक्षर
  5. पत्र में सदैव अच्छी भाषा और शैली का प्रयोग किया जाना चाहिए |
  6. पत्र लिखते समय सुन्दर लेखन का प्रयोग किया जाना चाहिए, जिससे लिखने वाले व्यक्ति के व्यक्तित्व का पता चलता है और आप दूसरों को अपनी बात अच्छे से समझा सके |

# पत्र कितने प्रकार के होते है

पत्र मुख्यतः दो प्रकार के होते है-

(1) औपचारिक पत्र

(2) अनौपचारिक पत्र

औपचारिक पत्र (Formal Letter)

औपचारिक पत्र की खासियत यह होती है कि, उसमें प्रार्थना-पत्र (अवकाश, शिकायत, सुधार, आवेदन के लिए लिखे गए पत्र आदि), कार्यालयी-पत्र (किसी सरकारी अधिकारी, विभाग को लिखे गए पत्र आदि), व्यवसायिक-पत्र (दुकानदार, प्रकाशक, व्यापारी, कंपनी आदि को लिखे गए पत्र आदि) शामिल होते है | औपचारिक पत्र लेखन में मुख्य रूप से संदेश, सूचना एवं तथ्यों को अधिक महत्व दिया जाता है |

अनौपचारिक पत्र (Informal Letter)

अनौपचारिक पत्र में ख़ास बात यह है कि, यह पत्र एक दूसरे के बीच प्यार बढ़ाता है, क्योंकि, इसमें पत्र लिखने वाले और पत्र को ग्रहण करने वाले व्यक्ति के बीच मधुर सम्बन्ध होते है, जिससे इसकी भाषा और शैली सम्बन्ध के आधार पर तय होती है |

# औपचारिक पत्र के कितने भेद हैं?

Answer. सरकारी, अर्धसरकारी और गैर-सरकारी संदर्भों में औपचारिक स्तर पर भेजे जाने वाले पत्रों को औपचारिक पत्र कहते हैं। इनमें व्यावसायिक, कार्यालयी और सामान्य जीवन-व्यवहार के संदर्भ में लिखे जाने वाले पत्रों (patra lekhan) को शामिल किया जा सकता है।

# औपचारिक-पत्र लिखते समय ध्यान रखने योग्य बातें -

(i) औपचारिक-पत्र नियमों में बंधे हुए होते हैं।
(ii) इस प्रकार के पत्रों में भाषा का प्रयोग ध्यानपूर्वक किया जाता है। इसमें अनावश्यक बातों (कुशल-मंगल समाचार आदि) का उल्लेख नहीं किया जाता।
(iii) पत्र का आरंभ व अंत प्रभावशाली होना चाहिए।
(iv) पत्र की भाषा-सरल, लेख-स्पष्ट व सुंदर होना चाहिए।
(v) यदि आप कक्षा अथवा परीक्षा भवन से पत्र लिख रहे हैं, तो कक्षा अथवा परीक्षा भवन (अपने पता के स्थान पर) तथा क० ख० ग० (अपने नाम के स्थान पर) लिखना चाहिए।
(vi) पत्र पृष्ठ के बाई ओर से हाशिए (Margin Line) के साथ मिलाकर लिखें।
(vii) पत्र को एक पृष्ठ में ही लिखने का प्रयास करना चाहिए ताकि तारतम्यता/लयबद्धता बनी रहे।
(viii) प्रधानाचार्य को पत्र लिखते समय प्रेषक के स्थान पर अपना नाम, कक्षा व दिनांक लिखना चाहिए।

# औपचारिक-पत्र (प्रारूप) के निम्नलिखित सात अंग होते हैं -
(1) ‘सेवा में’ लिख कर, पत्र प्रापक का पदनाम तथा पता लिख कर पत्र की शुरुआत करें।
(2) विषय — जिसके बारे में पत्र लिखा जा रहा है, उसे केवल एक ही वाक्य में शब्द-संकेतों में लिखें।
(3) संबोधन — जिसे पत्र लिखा जा रहा है- महोदय/महोदया, माननीय आदि शिष्टाचारपूर्ण शब्दों का प्रयोग करें।
(4) विषय-वस्तु- इसे दो अनुच्छेदों में लिखना चाहिए-
पहला अनुच्छेद — “सविनय निवेदन यह है कि” से वाक्य आरंभ करना चाहिए, फिर अपनी समस्या के बारे में लिखें।
दूसरा अनुच्छेद — “आपसे विनम्र निवेदन है कि” लिख कर आप उनसे क्या अपेक्षा (उम्मीद) रखते हैं, उसे लिखें।
(5) हस्ताक्षर व नाम- धन्यवाद या कष्ट के लिए क्षमा जैसे शब्दों का प्रयोग करना चाहिए और अंत में भवदीय, भवदीया, प्रार्थी लिखकर अपने हस्ताक्षर करें तथा उसके नीचे अपना नाम लिखें।
(6) प्रेषक का पता- शहर का मुहल्ला/इलाका, शहर, पिनकोड आदि।
(7) दिनांक

कुछ महत्वपूर्ण पत्र लेखन

Topics: माल की खरीदारी पर अधिक वसूली होने पर कंपनी के प्रबंधक को शिकायती पत्र लिखिए।

आशुतोष मार्केटिंग ग्रुप,
नकुल बाज़ार,
गाज़ियाबाद।

दिनांक……

सेवा में,
प्रबन्धक महोदय जी,
इले्ट्रॉनिक्स मार्केट,
दिल्ली।

विषय- माल की खरीदारी पर अधिक वसूली होने पर शिकायती पत्र।

महोदय,
दिनांक 11 सितंबर 20.. को आपकी कंपनी की ओर से हमारे पूछताछ पत्र का उत्तर प्राप्त हुआ था। पत्र में समस्त व्यापारिक शर्ते उल्लेखित थी। इन शर्तों से सहमत होकर हमने आपको 10 सिंफनी कूलर का ऑर्डर भी दिया था। आपके द्वारा निर्धारित शर्तों के अनुसार 1 सिंफनी कूलर की कीमत 14 हजार रुपए है, व प्रति 10 कूलर पर आप हमें 30% की छूट भी देंगे।

परंतु हम आपको बताना चाहते है कि कल माल प्राप्त करने पर भुगतान करने के पश्चात हमें ज्ञात हुआ कि आपने प्रति कूलर की कीमत 15 हजार रूपए लगाई है तथा छूट 20% ही दी है। हमें बेहद असमंजस प्रतीत हो रहा है। जरूर भूलवश बिल बनाने में त्रुटि हुई होंगी। आप शीघ्र अति शीघ्र इस भुगतान बिल को निरस्त करें। तथा कीमत में संशोधन करके नया बिल बनाकर भेजिए।
सधन्यवाद।

भवदीय,
आशु,
(प्रबंधक)
आशुतोष मार्केटिंग ग्रुप।

Topic: साइकिल की कीमत अधिक लगाई जाने पर साइकिल कंपनी के प्रबंधक को पत्र लिखिए।

विकास साइकिल स्टोर,
गोरखपुर।

दिनांक…..

सेवा में,
प्रबंधक महोदय जी
मैसर्स संजय साइकिल कंपनी,
गोरखपुर।

विषय- साइकिल की कीमत अधिक लगाई जाने पर शिकायती पत्र।

महोदय,
हमारी स्टोर की ओर से गत सप्ताह 18 नवंबर 20.. को आपको 50 एटलस साइकिल का ऑर्डर दिया गया था। ऑर्डर पत्र संख्या 082/56 है। इससे अतिरिक्त गत दो माह पूर्व भी हमने आपको 15 एटलस साइकिल का ऑर्डर दिया था। जिसमे आपने 5 हजार रूपए प्रति साइकिल कीमत निर्धारित की थी। परंतु इस बार भुगतान बिल देखकर हमें बेहद आश्चर्य हो रहा है। आपने पिछली बार की साइकिल की कीमत में 100 रुपए प्रति साइकिल पर बढ़ोतरी की है।

हमारे अनुसार अभी बाज़ार में किसी भी प्रकार की कीमत में कोई वृद्धि नहीं की गई है। आपके द्वार दो माह के भीतर साइकिल की कीमत में इतना बड़ा परिवर्तन हमें उचित नहीं लग रहा है।
हमारा आपसे अनुरोध है कि साइकिल की कीमत में इस प्रकार की बढ़ोतरी पर आप विचार — विमर्श करें।
सधन्यवाद।

भवदीय,
विकास,
(प्रबंधक)
विकास साइकिल स्टोर।

Topic: माल भेजने में देरी से हुई उत्पन्न समस्या के कारण आर्डर कैंसिल करने के संबंध में कंपनी के प्रबंधक को पत्र लिखिए

कुमार शू शॉप
नवाबगंज मार्केट,
बरेली।

दिनांक…..

सेवा में
मैसर्स गुप्ता जी एंड संस
बारदाना गली
लखनऊ।

विषय ऑर्डर कैंसिल करने के संबंध में पत्र

महोदय,
हमने दिनांक 14 जनवरी 20… को आपकी कंपनी को फ्लाइंग ब्रांड की शू का बड़ा आर्डर दिया था। ऑर्डर पत्र संख्या 0123 है। ऑर्डर पत्र पर समस्त व्यापारिक शर्तें उल्लेखित थी। इन शर्तों के अनुसार एक शर्त यह भी थी की आप हमारा माल ऑर्डर देने की तिथि से 5 दिन के अंदर निर्धारित स्थान पर भेज दे। परंतु बेहद खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि आज हमारे आर्डर को दिए हुए 7 दिन हो गए हैं और आपका माल हमें अभी तक प्राप्त नहीं हो पाया। साथ ही आपके द्वारा ऑर्डर भेजने में हुई इस देरी के कारण की सूचना भी प्राप्त नहीं हो पाई है।

हम आपको इस पत्र के माध्यम से बताना चाहेंगे की दुकान में माल ना पहुंचने के कारण हमारे ग्राहक असंतुष्ट होकर वापस लौट रहे हैं इसीलिए हम आप को भेजे गए माल का आर्डर कैंसिल कर रहे हैं।

आशा करते हैं की कि भविष्य में यदि हम आपको आर्डर देते हैं तो आप की ओर से हमें इस समस्या का सामना पूरा नहीं करना पड़ेगा।
सधन्यवाद।

भवदीय,
चंदन प्रकाश
(प्रबंधक)
कुमार शू शॉप।

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