जननी जन्मभूमि स्वर्ग से भी महान है। “
प्रस्तावना :- मां हमें जन्म देती है और धरती मां की गोद में हम पलकर बड़े होते हैं। जिस देश में हमने जन्म लिया, वह हमारी मातृभूमि हमें प्राणों से भी अधिक प्रिय है। उस पर हमारा सब कुछ न्योछावर है क्योंकि उसने हमें अन्न दिया जल दिया। आश्रय दिया और हमारा पोषण किया है।
हम सब अपनी जन्मभूमि से जुड़े हुए हैं। हम सब उससे अलग अपना अस्तित्व पूर्ण नहीं मानते। हम कहीं भी विदेश चले जाएं या फिर कितनी भी सुख सुविधा में जीये पर हमें वापस आकर अपनी जन्मभूमि में ही शांति मिलती है। जो चाहे वह हो जाए पर हमें हमारी जन्मभूमि कभी नहीं भूलना चाहिए।
हमारा इतिहास देशभक्तों के बलिदान की गाथाओं से भरा पड़ा है। सभी देश में देश प्रेमियों को सम्मान और स्नेह मिलता है। हमारे देश के कवियों और साहित्यकारों ने शहीदों और देश पर मर मिटने वाले देशभक्तों की अमर गाथाओं को जी खोल कर लिखा है।
देश प्रेम की भावना से परिपूर्ण व्यक्ति ही देश की उन्नति में सहायक होते हैं। देश की मान मर्यादा की रक्षा के लिए वे अपना सर्वस्व बलिदान करने को तत्पर रहते हैं। किसी विद्वान ने कहा है कि," जो व्यक्ति देश की सभी संस्थाओं से स्वाभाविक प्रेम करता है, देश के रीती रिवाज से प्रेम करता है और उत्पन्न हुई सभी वस्तुओं में स्नेह दिखाता है। देश की वेशभूषा को अपनाता है और देश की भाषा की उन्नति करता है। वही सच्चा देशभक्त है।" देश प्रेम ही देश की उन्नति का परम साधन है जो मनुष्य अपना तन -मन- धन सब निछावर कर देता है। वही सच्चा देश प्रेमी है। जैसे भामाशाह का नाम ऐसे देश भक्तों में सर्वोपरि है। उन्होंने चित्तौड़ की स्वतंत्रता के लिए महाराणा प्रताप को अपनी समस्त संपत्ति अर्पित कर दी थी। मातृभूमि तो माता के समान होती है।जिस प्रकार माता से हमारा अटूट संबंध होता है उसी प्रकार अपने देश के प्रति हमारा प्रेम अटल होता है। हम जिस धरती पर पले बडे हैं और हम हमारी मातृभूमि से जुड़े हुए हैं, उससे हमें बहुत ही लगाव है और कोई भी हमारी मातृभूमि के बारे में कुछ भी गलत बोले तो वह हम सहन नहीं कर सकते। हम हमारी मातृभूमि के लिए कुछ भी न्योछावर कर सकते हैं और हमारी मातृभूमि हमारी मां के समान है। मातृभूमि भूमि है जहां मनुष्य जन्म लेता है, उसकी मिट्टी में खेल कर बड़ा होता है। उससे मिट्टी से अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता है और मां का दर्जा देता है और उसे मातृभूमि कहते है।
उपसहार :- जब देश में आतंकवादियों द्वारा जवानों पर हमला किया जाता है तो इस गांव में पूरा देश रो पड़ता है और यही वीर जब सर्जिकल स्ट्राइक के रूप में दुश्मन को खत्म कर आते हैंतो हर भारतीय जश्न मनाने लगता है। वह जैसलमेर का हो या असम का तमिल हो या पंजाबी सभी के दिल देश प्रेम के घागे से जुड़े हुए हैं। जब मलेशिया ने जम्मू कश्मीर के पाकिस्तानीओका का साथ दिया तो देश के कई हजारों व्यापारियों ने अपने स्तर पर मलेशिया से व्यापारिक संबंध तोड़ने का निर्णय कर लिया। समय-समय पर इस तरह के देश प्रेम की मिसाले न केवल युवाओं को प्रेरित करती है बल्कि देश की एकता और अखंडता को सशक्त करती है।
हेतल जोशी